सूरज को जुगनू दिखाना चाहता हूँ
मैं अपने क़द को बढ़ाना चाहता हूँ
जो मेरे सर को झुकाना चाहता है
मैं उसके दर पे भी जाना चाहता हूँ
वो तो मुझ से सब मरासिम तोड़ बैठा
लेकिन मैं रिश्ता निभाना चाहता हूँ
उस कि दुनिया तो पुरानी हो गयी
मैं अपनी दुनिया बसाना चाहता हूँ
वो दिल कि कीमत लगाना चाहता है
मैं उसकी धड़कन बढ़ाना चाहता हूँ
Wednesday, January 5, 2011
आदत बेमिसाल रखता है!!
वो अपने दिल में मलाल रखता है
जो अपने लब पे सवाल रखता है
उस से ही सब को शिकायतें भी हैं
वो ही जो सब का ख्याल रखता है
हासिल है उस को प्यार दुनिया का
रिश्ता जो सब से बहाल रखता है
जिस को ताक़त पे भरोसा हो अपनी
दुश्मन का जीना मुहाल रखता है
कैसे कह दें वो हसीन कितना है
कुदरत का सारा जमाल रखता है
दुनिया भी उस को सताती है यारो
आदत जो अपनी बेमिसाल रखता है
जो अपने लब पे सवाल रखता है
उस से ही सब को शिकायतें भी हैं
वो ही जो सब का ख्याल रखता है
हासिल है उस को प्यार दुनिया का
रिश्ता जो सब से बहाल रखता है
जिस को ताक़त पे भरोसा हो अपनी
दुश्मन का जीना मुहाल रखता है
कैसे कह दें वो हसीन कितना है
कुदरत का सारा जमाल रखता है
दुनिया भी उस को सताती है यारो
आदत जो अपनी बेमिसाल रखता है
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